अमित शाह ने दिया कश्मीर का नाम बदलने संकेत?
कश्मीर का प्राचीन नाम 'कश्यपमर' या 'कश्यपमेरु' माना जाता है, जो महर्षि कश्यप के नाम से जुड़ा है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, महर्षि कश्यप ने इस क्षेत्र को जलमग्न स्थिति से मुक्त कराया था, जिससे इसका नाम 'कश्यपमर' पड़ा, जो समय के साथ 'कश्मीर' बन गया।
हाल ही में, 2 जनवरी 2025 को, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में 'जे एंड के एंड लद्दाख थ्रू द एजेस' पुस्तक के विमोचन के अवसर पर कश्मीर के इतिहास और महर्षि कश्यप के योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि कश्मीर का नाम महर्षि कश्यप के नाम पर रखा गया है और यह क्षेत्र भारत का अभिन्न अंग है। शाह ने यह भी संकेत दिया कि सरकार कश्मीर के विकास और पुनर्निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है।
अमित शाह के इस बयान के बाद कश्मीर के नामकरण को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार कश्मीर का नाम बदलकर 'कश्यपमेरु' या 'कश्यपमर' करने पर विचार कर सकती है, जबकि अन्य इसे केवल ऐतिहासिक संदर्भ के रूप में देख रहे हैं
कश्मीर का प्राचीन नाम और इतिहास:
कश्मीर का प्राचीन नाम 'कश्यपमर' या 'कश्यपमेरु' था। यह नाम महर्षि कश्यप के नाम पर पड़ा, जिन्होंने पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कश्मीर घाटी को जलमग्न स्थिति से मुक्त कराया था।
पौराणिक कथा:
कश्मीर कभी एक विशाल झील (सतीसर) थी।
महर्षि कश्यप ने जल को नियंत्रित करने के लिए एक जल निकासी प्रणाली विकसित की।
जल के हटने के बाद इस क्षेत्र में बसावट हुई और इसे 'कश्यपमर' कहा गया।
इतिहास और नाम परिवर्तन:
समय के साथ 'कश्यपमर' नाम परिवर्तित होकर 'कश्मीर' बन गया।
नीलमत पुराण और राजतरंगिणी जैसे ग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है।
---
अमित शाह का हालिया बयान (जनवरी 2025)
घटना:
अमित शाह ने नई दिल्ली में 'जे एंड के एंड लद्दाख थ्रू द एजेस' पुस्तक विमोचन के दौरान यह बयान दिया।
मुख्य बिंदु:
कश्मीर का नाम महर्षि कश्यप के नाम पर पड़ा है।
कश्मीर का इतिहास भारत के गौरवशाली अतीत का प्रतीक है।
सरकार कश्मीर के विकास और सांस्कृतिक पहचान के पुनर्स्थापन के लिए कार्यरत है।
विवाद और चर्चा:
बयान के बाद कश्मीर का नाम बदलकर 'कश्यपमेरु' या 'कश्यपमर' करने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
कुछ विपक्षी नेताओं ने इसे सांस्कृतिक धरोहर को पुनः स्थापित करने की पहल बताया, जबकि अन्य ने इसे राजनीतिक मुद्दा बताया।
---
Comments
Post a Comment